बारीक अथवा मोटे दाने के आकार से यूरिया में नत्रजन की प्रतिशत् मात्रा में अंतर नहीं आता

बैतूल | किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को जानकारी दी गई है कि जिले में यूरिया उर्वरक एनएफएल, इफको, कृभको, आरसीएफ, नागार्जुन, कोरोमंडल एवं अन्य कंपनियों द्वारा सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं को प्रदाय किया जाता है। उक्त प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा यूरिया उर्वरक का उत्पादन भारत सरकार के निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही किया जाता है, जिसमें 46 प्रतिशत् नत्रजन तत्व रहता है। कंपनियों द्वारा यूरिया के बारीक दाने एवं मोटे दाने के आकार में यूरिया उत्पादन कर प्रदाय किया जाता है जो कि उर्वरक की भौतिक दशा को निर्धारित करता है। बारीक एवं मोटे दाने के आकार से यूरिया में नत्रजन की 46 प्रतिशत् मात्रा में कोई अंतर या कमी नहीं होती है। संतुलित मात्रा में ही यूरिया का उपयोग करे। अनुशंसित मात्रा से अधिक यूरिया देने से फसल में कीटव्याधि का प्रकोप अधिक होता है। फसल को फायदे की जगह नुकसान होने की संभावना अधिक होती है।