ग्वालियर। इक्कीसवीं सदी को भारत की सदी बनाने में स्व. राजीव गांधी की अग्रणी भूमिका है। सत्ता के विकेंद्रीकरण, स्त्री सशक्तीकरण, दूरसंचार एवं कम्यूटर प्रौद्योगिकी का विस्तार, राजनीतिक स्थिरता (पंजाब तथा असम समझौते) को लेकर राजीव गांधी की नीतियां दूरगामी तथा क्रांतिकारी सिद्ध हुई। उक्त तथ्यों का उल्लेख जीवाजी विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एपीएस चैहान ने महारानी लक्ष्मी बाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, ग्वालियर में आयोजित अपने व्याख्यान में कही। यह व्याख्यान भारत रत्न राजीव गांधी के जन्म के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में स्मरण भारत रत्न राजीव गांधी कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन के द्वारा भारत रत्न राजीव गांधी स्मरण कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान सत्र को युवा संकल्प वर्ष के रूप में मनाया जा रहा। इस तारतम्य में महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान का विषय स्मरण राजीव नई आस, युवा विश्वास का। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के एस राठौर ने की। कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक सांस्कृतिक समिति के संयोजक डॉ. कुसुम भदौरिया ने, विषय प्रर्वतन डॉ आरके के वैद्य ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोरु विष्णुकांत शर्मा ने की। इस कार्यक्रम में डॉ. एके वाजपेयी, डॉ. डीएस राणा, डॉ. सुनील सक्सैना, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. सुधा गुप्ता, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. अनीता मेवाफरोश, डॉ. संजय ंिसह, डॉ. नीरज झा, डॉ. विभा दूरवार सहित भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।