ADGP राजाबाबू के प्रयासों से केन्द्रीय जेल में कैदियों के हाथों में पहुंची गीता 

ग्वालियर। तामसी प्रवृत्ति के रहते हुए मन में क्रोध आया और अपराध कर दिया है और अपराध करके यहां पर आ गये तो आप लोग समाज से कट गये और आपका परिवार छूट गया बच्चों को आपको जो प्यार मिलना चाहिये छूट गया और वह अनाथ हो गये। आप अपने परिवार से कट कर यहां बन्दी बने हुए हैं। बुद्धि खराब होने पर अपराध हुए हैं और जेल में रहने के बाद हार्डकौर क्रिमिनल बन जाते हैं, बल्कि जेल में क्रिमिनल न बनें, जेल में आपको अच्छा इंसान बनने के लिये गीता का वाचन करें और गीता का संदेश बताया जाये और आप जब गीता का पढ़ेंगे तो आपके मन में अंर्तकुभाव, काम, क्रोध और लोभ से मुक्ति मिलेगी और जेल से अच्छे इंसान बन कर निकलेंगे। यह उद्गार केन्द्रीय जेल में विजयदशमी के अवसर आयोजित गीता वितरण समारोह में एडीजीपी राजाबाबू सिंह बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहीं। समारोह की अध्यक्षता आनंदेश्वर चेतन्यदास ने की। समारोह का संचालन प्रभात कुमार झा तथा आभार प्रदर्शन जेल अधीक्षक मुकेश कुमार साहू ने किया।



केन्द्रीय जेल 1879 में प्रारंभ की गयी थी जब से जेल बनी उसे दिन आज तक के इतिहास में पहली बार कोई आईपीएस अधिकारी कैदियों के मन परिवर्तन के उद्देश्य को लेकर गीता वितरण करने पहुंचे। अभी इस समय जेल में 3396 कैदी है जिसमें 21 बच्चे और 5 मृत्यु दंडित से बंदी है।



शिवपुरी से हत्या करने के अपराध में सजा काट रहे बन्दी अकीब पठान ने कहा जैसा बताया जा रहा है गीता पढऩे से क्रोध से मुक्ति मिलती है और क्रोध पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है तो गीता लेने के बाद कहा है तो जिन्दगी में अमल करेंगे।
केन्द्रीय जेल के सभागार में जैसे एडीजीपी राजाबाबू ने संबोधित करते हुए कहा कैदियों के पेरोल में आ रही परेशानियों को दूर किया जायेगा मुझे इसकी जानकारी भेजिये यह खबर सुनते पूरा हॉल कैदियों की ताली से गूंज उठा। मैं इस संबंध में कलेक्टर से बात करूंगा कि कोई भी पेरोल पेडिंग न रहें जो जुनाइन है तो पेरोल मिलना चाहिये जो गलत है तो उसे निरस्त किया जाये।
केन्द्रीय जेल में 10 वर्षो से लगातार 7 सदस्यीय तानसेन आर्केस्ट्रा फैरी लगाकर रामधुन सुना कर कैदियों को मंत्रमुग्ध कर देता है  उसी ने गीता वितरण समारोह में तानसेन आर्केस्ट्रा के कलाकारों ने मधुर आवाज से गीता वितरण समारोह में आगाज किया। इन कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज से सभी का मन मोह लिया।