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पदक विजेता खिलाडिय़ों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना सरकार की प्राथमिकता : जीतू पटवारी

ग्वालियर। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश के पदक विजेता खिलाडिय़ों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा है कि हम मध्यप्रदेश को देश का खेल हब बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही नई खेल नीति लाई जाएगी। इसके साथ ही खेलों का महत्व बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स कोर्स कम्पलसरी होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश की खेल प्रोत्साहन योजनाओं और भविष्य की योजनाओं की केन्द्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से खिलाडिय़ों एवं प्रशिक्षिकों का चयन ऑनलाइन किया जाएगा।
खिलाडिय़ों के लिये चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा
खेल मंत्री जीतू पटवारी ने जानकारी दी कि प्रदेश के खिलाडिय़ों को अब चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश अब खिलाडिय़ों का बीमा कराने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में विभिन्न खेल अकादमियों के लगभग 822 खिलाडिय़ों को इसका लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा बीमा के अन्तर्गत खिलाड़ी देश के चुनिन्दा अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना ईलाज करवा सकते हैं। इसके लिये उन्हें 2 लाख रुपये तक नि:शुल्क उपचार की सुविधा कराई गई है। खिलाडिय़ों का 5 लाख रुपये का जीवन बीमा भी कराया गया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के खिलाडिय़ों के अभिभावकों को भी जीवन बीमा में शामिल किया गया है।
श्री पटवारी ने जानकारी दी कि बीमा के माध्यम से खिलाडिय़ों को पूरे देश में कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी जो अधिकृत रूप से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभागिता कर रहे हैं, उन्हें भी चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। इसके लिये संबंधित खेल संघ को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी की प्रमाणित सूची उपलब्ध करानी होगी। परीक्षण के बाद खिलाड़ी का पंजीयन कर यह सुविधा उसे उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रोत्साहन राशि में कई गुना वृद्धि
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि प्रतिभावान खिलाडिय़ों और खेल संघों के अनुदान और पुरस्कार की राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ी को मिलने वाली 5000 रूपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किये जाने का प्रस्ताव है। पूर्व में राज्य स्तरीय आयोजन के लिये 50 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये और राष्ट्रीय स्तर पर दी जाने वाली 2 लाख रुपये की अनुदान राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।