ग्वालियर। देश के सैनिकों का अदम्य साहस और शौर्य के कारण ही देश का हर नागरिक अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवार का योगदान भी अविस्मरणीय है। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सोमवार को बाल भवन में "विजय दिवस" पर भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारजनों को सम्मानित करते हुए यह बात कही।
प्रदेश सरकार ने सन् 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजनों और युद्ध में शामिल जवानों को सम्मानित करने हेतु 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसी के परिप्रेक्ष्य में ग्वालियर में जिला स्तरीय समारोह बाल भवन में आयोजित किया गया। समारोह में संभागीय आयुक्त एम बी ओझा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजाबाबू सिंह, कलेक्टर अनुराग चौधरी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कृष्णराव दीक्षित, सीईओ जिला पंचायत शिवम वर्मा, एडीएम किशोर कान्याल, एडीएम टी एन सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक एवं उनके परिजन उपस्थित थे।
मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने समारोह में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को नमन किया तथा युद्ध में अस्मरणीय योगदान के लिए युद्ध में शामिल सैनिकों एवं उनके परिजनों को शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मंत्री श्री तोमर ने इस मौके पर कहा कि युद्ध में अपने पराक्रम का परिचय देकर देश को जिन्होंने गौरव दिलाया है उनको पूरा देश नमन करता है।
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के संदेश का वाचन भी किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिस की ओर से सलामी भी दी गई। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग के श्री ओझा ने किया।
इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में वीर नारियों के रूप में श्रीमती सज्जन देवी पत्नी स्व. सिपाही विन्द्रपाल सिंह एवं श्रीमती पारो पत्नी स्व. सिपाही सुखू को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिक सुखेन्द्र सिंह चौहान, शिवकरन सिंह तोमर, गयाचरन सिंह, राम बहादुर सिंह भदौरिया, जगन्नाथ सिंह, मुंशी सिंह सिकरवार, मलखान सिंह भदौरिया, एस.पी. शर्मा, चन्द्रपाल सिंह, बाल बहादुर सिंह भदौरिया, चन्दन सिंह, अतर सिंह चौहान, माता प्रसाद गोस्वामी, रामदास सिंह भदौरिया, उदयबीर सिंह चौहान, गुरूसिंह, विजय शर्मा, राधेश्याम सिंह भदौरिया, गोपाल शर्मा, उग्र सिंह, अशोक सिंह एवं नरोत्तम सिंह को सम्मानित किया गया।