ग्वालियर। शहर में दूषित और सीवरयुक्त पानी की सप्लाई का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा। नगन निगम प्रशासन के सभी दावे फेल हो रहे हैं। शहर के वार्ड 10 स्थित कोटेश्वर के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। पिछले एक साल से अधिक समय से शहर में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। भोपाल से आई टीमों ने भी पानी का परीक्षण किया पर आज तक इसका स्थाई हल निकल पाया जिसके कारण आमजन सीरवयुक्त गंदा पानी को विवश हैं। इस गंदे पानी के कारण जहां क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर घर-घर में अनचाही बीमारियों का शिकार होकर लोग चिकित्सकों की शरण में पहुंच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर में पिछले एक साल से अधिक समय से सीवरयुक्त दूषित पानी की सप्लाई विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है। कहने को तो नगर निगम प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है और हालात यह है कि बड़ी-बड़ी जांचों के बाद भी शहर में दूषित पानी की सप्लाई थमने का नाम नहीं ले रही। शहर में जिस अंदाज में अमृत योजना के तहत सीवर और पानी की लाइनें डाली गर्इं उसका असर नलों से आने वाले पानी पर पड़ रहा है और हालात यह है कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम प्रशासन लोगों को शुद्ध पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहा। कभी किसी क्षेत्र में तो कभी किसी क्षेत्र में दूषित पानी की सप्लाई से लोग बीमार होकर चिकित्सकों की शरण में पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं इसको लेकर परिषद में भी पार्षदों ने एक बार नहीं बल्कि कई बार हंगामा किया और भरी परिषद में दूषित पानी से भरी बोतलों को ले जाकर निगमायुक्त से लेकर सभापति और अन्य अधिकारियों के समक्ष रखा लेकिन सिवाय हंगामा के कुछ नहीं हुआ और आज भी लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं। जब से अमृत योजना की लाइन से पानी आना शुरू हुआ है तभी से निरंतर यहां दूषित पानी आ रहा है। अमृत योजना की लाइन के साथ पूर्व में संचालित लाइन भी चालू रहती है ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा कि आखिर दूषित पानी आ कहां से रहा है।