ग्वालियर। वॄकग जनरल एसोशिएशन एवम तुलसी मानस प्रतिष्ठान के बेनर तले मानस भवन में वरिष्ठ साहित्यकार महेश कटारे को समानित किया गया। कार्यक्रम का शुंभारभ सरस्वती पूजन के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन पवन करण ने करते हुए महेश कटारे के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात प्रशस्तिपत्र का वाचन किया गया।
वर्किंग जनरल एसोशिएशन के तत्वाधान में डॉ. केशव पांडे व जितेंद्र सिंह जादौन ने श्री कटारे को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। स्वागत भाषण देते हुए वर्किं ग जनरल एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जादौन ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए श्री कटारे के भारी भरकम साहित्यिक व्यक्तित्व को रेखांकित किया।
इस कार्यक्रम में शहर की अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं ने साहित्यकार कटारे का समान माल्यार्पण, शाल व श्रीफल द्वारा किया गया। इनमें जनवादी लेखक संघ, मुकुट बिहारी सरोज स्मृति न्यास की ओर से श्रीमती मान्यता सरोज आदि, प्रगति लेखक संघ, हिंदी साहित्य सभा, उद्भव सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान, समाजसेवी और वरिष्ठ पत्रकार डॉ केशव पांडे, प्रकाश नारायण शर्मा, आर्म रेसलिंग वेलफेयर एसोसिएशन मनीष कुमार, कला समूह श्रीमंत महादजी सिंधिया हॉकी अकादमी, परिवर्तन समूह, योगा एंड स्पोटर्स एसोसिएशन, स्मार्ट सिटी, प्रेस ब्लब, मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी,गांधीवादी लेखक व चिंतक अवधेश पांडे, नगर निगम एवं जनसपर्क विभाग निभा रहा है। उदबोधन भाषण में संस्था के संरक्षक डॉ केशव पांडे ने महेश कटारे की सादगी और उनके साहित्य के क्षेत्र में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि मुझे ऐसे कार्यक्रमों को करके मैं खुद को आनन्दित महसूस करता हूँ। उन्होने कहा कि ये मेरा स्वार्थ है कि अगर मंै ऐसे कार्यक्रम न करूं तो मुझे नींद नहीं आती। उन्होंने कहा कि कटारे न केवल ग्वालियर बल्कि मध्यप्रदेश की ऐसी विभूति हैं जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में हमारा झंडा पूरे देश में लहरा दिया है। उन्होंने डॉ प्रकाश दीक्षित का उल्लेख करते हुए कहा कि ये हमारा गौरव है कि महेश कटारे जिनके शिष्य हैं उन्हें आज के कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश दीक्षित ने श्री कटारे के शुरुआती दौर की चर्चा करते हुए कहा कि जब श्री कटारे ने उन्हें अपनी पहली कविता सुनाई तो मैंने उनसे कहा कि कविता तुम्हारे बस की बात नहीं क्योंकि तुम दिंसबर के महीने में नायिका को झूला झुला रहे हो अगर उसे निमोनिया हो गया तो या होगा। श्री कटारे ने मेरी सलाह मान ली और गद्य लिखना शुरू किया। उन्होंने मुर्दा स्थगित जैसी कहानियां लिखी, कामिनी काया, कांता उपन्यास लिखे जो बहुत बडे प्रगतिशील लेखक संघ के बड़े उदाहरण बने।
अपने ओजस्वी उदबोधन में श्री कटारे ने कहा कि प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े होने के कारण में पुरुस्कार व सम्मान से बहुत दूर रहता हूँ पर डॉ केशव पांडे के अनुरोध को मैं टाल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील लेखकों ने हमेशा निरपराध लोगों के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है और खतरे भी उठाए हैं। उन्होंने शहर भर के लोगों के प्रतिनिधियों द्वारा पुष्पाहार व शाल व श्रीफल द्वारा सम्मान करने को लेकर कहा कि यह शहर के बुद्धिजीवियों द्वारा मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी लाद दी है। कार्यक्रम के अंत में डॉ सुरेश सम्राट ने आभार प्रदर्शन किया।