ग्वालियर। चार महीनों से जेएएच स्थित मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कमरे में ताले में बंद पड़ी सात करोड़ रुपए की एमआरआई मशीन अब जांच के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिए सोमवार से उपलब्ध रहेगी। इस मशीन से होने वाली बीस प्रकार की जांचें बाजार में लिए जाने वाले शुल्क से चालीस फीसदी सस्ती होगी। शुक्रवार को संभागायुक्त एमबी ओझा ने जांच के लिए जाने वालीदर तय कर सोमवार से एमआरआई मशीन शुरु करने के निर्देश मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ.जीएस गुप्ता को दिए है। चार महीने से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कमरे में कैद साढ़े सात करोड़ रुपए की लागत वाली मशीन अब सोमवार से यहां पहुंचने वाले मरीज की जांच के लिए उपलब्ध रहेगी। मशीन को ऑपरेट करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मशीन ऑपरेटर नियुक्त कर दिए है। दो दिन ट्राइल लेने के बाद सोमवार से जांच के लिए यह मशीन आम मरीजों के लिए उपलब्ध होगी।
बीस प्रकार की होंगी जांच
सोमवार से ऑपरेट की जाने वाली इस एमआरआई मशीन से बीस प्रकार की जांच मरीज की हो सकें गी। मशीन से होने वाली जांच के लिए दरेें भी संभागायुक्त श्री ओझा ने फाइनल कर दी है। मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में होने वाली सभी प्रकार की जांच बाजार दर से चालीस फीसदी सस्ती होंगी
बाहर के मरीजों की भी हो सकेंगी जांच
मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्टॉल की गई एमआरआई से जांच उन मरीजों की भी की जाएगी जो जेएएच अस्पताल में नहीं बल्कि शहर के किसी निजी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे है और उनकी एमआरआई जांच होनी है ऐसे मरीजों को भी जांच कराने की सुविधा रहेगी।
मरीजों को मिली शुल्क से राहत
शुक्रवार को जेएएच स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 47 मरीजों से ओपीडी शुल्क 50 रुपए से हटाकर 25 रुपए लिया गया। ओपीडी शुल्क के दाम आधे करने पर यहां पहुंचने वाले मरीजों व परिजनों ने राहत की सांस ली। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओपीडी आने वाले मरीजों से लिए जा रहे 50 रुपए शुल्क का विरोध जनप्रतिनिधियों के साथ ही शहरवासियों ने भी किया था। जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे मरीजों से ओपीडी शुल्क 25 रुपए लिया गया। सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर गिरजा शंकर गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में रोग व जांच संबंधी लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी मरीजों व उनके परिजनों को मिल सके इसके लिए शुल्क सूची भी ओपीडी कक्ष में चस्पा की गई है।